Tenaliram Ki Kahaniyan: अब तेनाली को यह चिंता होने लगी कि वे उन सिक्कों को घर कैसे ले कर जाएं। वहां उनके पास इतने सारे सिक्कों को रखने के लिए कोई पोटली या थैली नहीं थी।
Tenaliram Ki Kahaniyan: एक दिन, एक दरबान ने दरबार में आ कर सूचना दी कि क बहेलिया महाराज के लिए अनूठा पक्षी लाया है।
Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनाली रमन ने कुछ सोचने के बाद कहा, “महाराज, उथन अंदाजन तीन बोरे चावल और दो बोरी गेहूं जितना खर्च किया है।
Tenaliram Ki Kahaniyan: जब रमन दुकान में गए तो कुत्ता भी उनके पीछे-पीछे अंदर चला गया। तब दुकान का मालिक वहां नहीं था।
Tenaliram Ki Kahaniyan: एक व्यापारी जिसका नाम प्रकाशम था, वो एक बड़ी परेशानी में फंस चुका था। आइए, जानते हैं कि तेनालीराम ने उसे इससे कैसे निकाला?
Tenaliram Ki Kahaniyan: बर्तनों ने बच्चे दिए हैं!” पहले तो कोटेश्वर हैरान रह गया परंतु फिर उसने मुस्कुरा कर वे बर्तन रख लिए। उसने सोचा कि तेनाली कोई मूर्ख है, जो इस तरह अपने छोटे बर्तन भी उसे दे रहा है।
Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनाली रमन ने किसी से पूछा तो पता चला कि किसान अपने सिर पर भारी बोझ लाद कर आ रहा था।
Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनाली रमन सिर से पांव तक भीग गए थे और मारे ठंड के कांप रहे थे। पर अंदर जाने से कोई लाभ नहीं था क्योंकि सबने आम को घेर रखा था।
Tenaliram Ki Kahaniyan: महाराज के लिए ताजे फल और नारियल पानी का प्रबंध किया गया। सभी आपस में बातें करते हुए, मन बहलाने लगे परंतु महाराज का मन उदास था उनका मन किसी भी कार्य में नहीं लग रहा था।
Tenaliram Ki Kahaniyan: महाराज ने उसे दरबार में आने का निमंत्रण दिया। वे चाहते थे कि अच्युत उनका एक चित्र बनाए । चित्रकार ने बहुत सुंदर चित्र बनाया।